



उन्नाव। 165 सदर विधानसभा में भाजपा से चुनाव लड़ने वालों की इस बार कतार लग गयी, कई ने गुटबाज़ी में नवजात नेता बनकर आवेदन भी किये खुद भाजपा में शामिल होकर भाजपा से ही सदर विधायक का पार्टी में दुष्प्रचार कर खुद एक गुट से संरक्षण लेकर टिकट पाने की अथक कोशिशें की।
किन्तु अंत मे 165 सदर में भाजपा के गुटबाज़ी से उत्पन्न शुक्लागंज के नेता जी को कही तरजीह नही दी गयी।
असलियत तो यह है विधानसभा चुनाव में सदर से कुछ माह पूर्व सपा से टिकट लाये प्रत्याशी तो आज भी क्षेत्र के वरिस्ठ जनों, क्षेत्र की जनता के लिए एक रहस्य बने हुए है।
दरअसल सदर में भाजपा की गुटबाज़ी से पैदा हुए गंगाघाट के कप्तान के आउट होने के बाद एकपक्षीय चुनाव जीत रहे निवर्तमान भाजपा विधायक के समक्ष भाजपा के गुट ने सपा प्रत्याशी की नाव को सहारा देने के साथ पार्टी विरोधी गतिविधियों में लीन होकर अग्रसर हो गए।

चुनाव में सपा प्रत्याशी तो सिर्फ चेहरा मात्र हैं असल मे सदर विधानसभा में भाजपा की गुटबाज़ी जिनका मूल उद्देश्य निवर्तमान भाजपा विधायक पंकज गुप्ता की लोकप्रियता तथा जनसमर्थन को खत्म करना है।
सपा कार्यकर्ता के भेष में सदर विधानसभा में भाजपा के दूसरे गुट के लोग विगत 2 से 3 माह से पंकज गुप्ता के विरुद्ध दुष्प्रचार/षड्यंत्र सपा की टोपी धारण करके कर रहे है।
बीजेपी, बीएसपी, कांग्रेस, व अन्य दलों के मठाधीशों ने भाजपा प्रत्याशी पंकज गुप्ता को हर हाल में हारने के प्रयास में पहले तो भ्रम कार्ड खेला जिसके तहत ब्राम्हणों को भाजपा प्रत्याशी के विरूद्ध नाराजगी की अफवाहें फैलाई। किन्तु सदर के ब्राम्हणों में सभी वरिष्ठ जनों ने पंकज गुप्ता को आशीर्वाद दिया।
सदर विधानसभा के बड़े ब्राम्हण चेहरा पूर्व बार अध्यक्ष नरेंद्र अवस्थी के साथ तमाम प्रभावशाली ब्राम्हणों ने पंकज गुप्ता को आशीर्वाद दिया तो वही अफवाहों पर विराम लगाते हुए पंकज के सारथी बने सदर विधानसभा के राजनेता शेखर दुबे, शेखर दुबे द्वारा पंकज गुप्ता के चुनाव सारथी बनने पर दूसरे गुट में खलबली मच गई।
शेखर दुबे व नरेंद्र अवस्थी ने साबित कर दिया कि सदर भाजपा के साथ ब्राम्हण पहले भी था आज भी है।
उक्त भाजपा गुटबाज़ी में कुछ पोर्टल यूट्यूब वाले लोग बराबर मदद में लगे है।
दिलचस्प यह भी हैं कि जहां भाजपा की गुटबाजी सपा के नाव के खेवनहार बने हैं वहीं भाजपा में शामिल नए ब्राह्मण नेता ने सपा बसपा के साथ भाजपा के अंतर्कलह के सभी समीकरण को ध्वस्त करके रख दिया हैं सदर विधान सभा में हुकुम का इक्का कौन साबित होगा यह 10 मार्च ही बताएगा।
जो भी हो वर्तमान चुनाव ने साबित कर दिया कि की चुनाव जीतने के लिए नही हराने के लिए भी होता है।