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सैन्य सम्मान के साथ हुआ युवा सैनिक का अंतिम संस्कार

👉नम आंखों से दी लोगों अंतिम विदाई
👉दिवंगत सैनिक के पिता हैं बोलने सुनने में लाचार
👉माता का भी लखनऊ में भर्ती रख कर चल रहा इलाज

बीघापुर, उन्नाव। थाना क्षेत्र के गाँव पहाड़पुर सुबस के मजरे श्रीपतपुर निवासी युवा सैनिक की इलाज के दौरान मौत के बाद उसका पार्थिव शरीर सोमवार की सुबह गाँव पहुंचा तो सैनिक को अंतिम विदाई देने के लिए हजारों लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा।

सैन्य वाहन से जम्मू एंड कश्मीर रायफल्स के जवान अभिषेक कुमार उर्फ टाइगर फौजी का शव तिरंगे में लिपटा जैसे ही उसकी रेजीमेंट के जवान गाँव लेकर पहुंचे चारों ओर हाहाकार मच गया और भारत माता की जय, टाइगर फौजी अमर रहे, जब तक सूरज चाँद रहेगा टाइगर तेरा नाम रहेगा के गगनभेदी नारों से पूरा इलाका गुंजायमान हो गया।

मृतक सैनिक अपनी दो बहनों में अकेला भाई था, पिता उसके न सुन सकते हैं न बोल सकते हैं। उसकी माता का भी इलाज लखनऊ में चल रहा है, वह वहां किसी निजी अस्पताल में भर्ती है। बेटे की असमय मौत से दिव्यांग पिता और बीमार माता का सहारा हमेशा के लिए छिन गया। उनका रो रो कर हाल बेहाल रहा।

अहम बात यह रही कि सैनिक को अंतिम विदाई देने जहाँ पूरा क्षेत्र उमड़ पड़ा वहीं तथाकथित राष्ट्रवादी पार्टी के सत्तासीन कोई विधायक, नेता, सांसद, मंत्री श्रद्धांजलि देने नहीं पहुंचे। नेताओं में समाज वादी पार्टी के पूर्व जिजाध्यक्ष धर्मेंद्र यादव ही केवल सैनिक के पार्थिव शरीर को कंधा देते नजर आये। और बाद में अंकित परिहार भी पहुंचे।
सोमवार को दोपहर बाद पूरे सैन्य सम्मान के साथ दिवंगत सैनिक का अंतिम संस्कार गार्ड ऑफ ऑनर देने के बाद गाँव के बाहर ही कर दिया गया।

रिपोर्ट: डॉ. मान सिंह

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